children’s day poems in hindi

Children’s day poems in hindi


children’s day poems in hindi

Children’s day 5 lines in hindi


बचपन का प्यार ,
उस वक्त के यार ,
टोलियों में टहलते थे ,
जब हम सब बाज़ार ,
होली के रंग में हफ्ते भर
पहले ही डूब जाया करते थे ,
दीवाली के धमाकों से
मोहल्ले और स्कूल में
रौनक बिखेरा करते थे ,
नए नए कपड़े पहनने का
शौक रखते थे ,
tailor की दुकान पे दिन में
चार चक्कर लगा कपड़े
सीले की नहीं पूछ आया करते थे ,
हफ्ते भर की मिठाई दोस्तों संग
एक ही दिन में साफ कर दिया करते थे ।

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children’s day poems in hindi
A poem on children’s day

बचपन मे हमसे
हमारे parents भी
कुछ यही expect किया करते थे
हमे हमारे खेलने कूदने की उम्र में
ज्यादा ज्ञान की बातें ना पेला करते थे
Competition की आग में
दिन रात ना झोखा करते थे
प्यार करते थे वो हमसे ,
तभी तो fail हो जाने पर भी
नकारा ना समझा करते थे ,
हम बच्चे हैं
वो समझते थे ,
तभी तो छोटी छोटी
बातों पे वो ना बिगड़ते थे ।

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हम मार मार के
किसी को आइंस्टीन नहीं
बना सकते ये भूल जाते हैं ,
स्पोर्ट्स में कुछ कर जाए
इसी कारण से उन्हें
Race का हिस्सा बनाते हैं ,
वो क्या चाहते हैं
बस यही पूछना
हम भूल जाते हैं ।
Society वाले क्या कहेंगे
इसी सोच में अपना और अपनों का
भविष्य हम दाव पर लगाते जाते हैं ।

Sanam Teri Kasam

 

किसी किताब के पन्नो में छिपा

जब वो लाल सुर्ख़ गुलाब देखा,

मेरी आँखों ने उसी पल

वो ज़ालिम दिलदार देखा।

वो दिलदार जिसने चुना था

मेरे मन तरंग को,वो दिलदार

जिसने भरा था

मेरे जीवन में नयी उमंग को,

हाँ वही बस वही

अपना पहला अधूरा प्यार देखा।

वो प्यार था मेरा पहला

जिसने मुझमे अपना ईमान देखा,

वो दीवानगी थी पहली मेरी

जिसमे खुद को  फ़ना होते देखा।

पर जब आया किस्सा-ए-आशिक़ी

ज़माने की निगाहों में,

तो बुरी नजरो के साये में

कोहिनूर से भी कीमती

अमानत को तार तार होते देखा।
क्या होती है जुदाई,

क्या होती है दर्द-ए-रुसवाई

इन सभी एहसासों से

अपनी ख्वाबो की

दुनिया को बेज़ार होते देखा।

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sanam teri kasam shayari

 

ए सनम यार मेरे
कैसे चुकाएंगे
एहसान तेरे

प्यार में डूबे
रहते थे
हम भी कभी
आज अनजान से
खड़े हैं
एक दूजे के सामने

क्यों भूल गए
उस प्यार को
वफ़ा ए इजहार को

ए सनम तेरी कसम
किसी को ना देखा
नज़रें उठाके
इंतेज़ार में तेरे

Shayari of Sanam teri kasam

जा तो रही हो
हमें यूँ रुसवा करके ,
पर याद रखना
तुम भी याद करोगी
हमे रो रो के ।।
तब ना हम होंगे
होंगी तो बस
हमारी खामोशियाँ ,
किस्से,कहानी
बन जाएंगे हम
याद करोगी
हमारी कुर्बानियां ।।

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